राजेश कुमार झा लेखक और अनुवादक।

ल्युबा याकिमचुक

यूक्रेनी कवि, पटकथा लेखक और पत्रकार।अनेक काव्य संग्रह प्रकाशित।अनेक साहित्यिक पुरस्कारों से सम्मानित।यूक्रेन के अलावा कई देशों में इनकी रचनाएं प्रकाशित।इनकी कविताओं में युद्ध और विस्थापन की पीड़ा झलकती है।आलोचकों का कहना है कि उनकी कविताओं में जादुई यथार्थवाद की झलक दिखाई देती है।

कौआ, पहिए

यह ईस्टर के ठीक पहले की बात है-
शहर जब तहसनहस हो चुका
तो उन्होंने कब्रिस्तान के लिए लड़ना शुरू कर दिया
ताजा खुदी कब्रों में लकड़ी के सलीबों पर
कागज के फूल खिलने लगे थे-
लाल, नीले, पीले चमकीले हरे, नारंगी
रसभरी गुलाबी मस्ती में डूबे सगे-संबंधी
प्यालियों में अपने लिए वोदका उड़ेल रहे थे-
और मृतकों के लिए- सीधे उनकी कब्रों के अंदर
लेकिन मृतक मांग रहे थे और, और,
और भी अधिक
उड़ेलते जा रहे थे संबंधी
उत्सव चलता रहा
लेकिन तभी अपनी सास की कब्र के पास
स्ट्रेचर पर एक नौजवान डगमगाया
बूढ़े आदमी ने आसमान को घूर कर देखा
और अपनी एक आंख से हाथ धो बैठा
मोटे आदमी ने शराब का प्याला पटक कर
कर दिया चूर चूर
अपनी बीबी की कब्र की किनारी को भी
उसने दिया तोड़-फोड़
उसके पैरों के पास गिरा गिलास
जैसे गिरते हैं ओले
ईस्टर आया
अन्ना एंड्रीवना वोरोनोवा की कब्र के ऊपर
लगने वाले पत्थर की जगह
बैठा है एक काला कौआ
कोलेसनीकीव परिवार की कब्रों के पास
पड़े हैं तोप के पहिए
जहां दफन हैं
मारिया विक्टोरिवना, पाइलिप वैसिलिओविच और
माइकोला पिलिपोविच
मेरे लिए क्या हैं वे तोप के पहिए और वह कौआ?
अब मुझे याद नहीं।
(यूक्रेनी से अंग्रेजी अनुवाद ओक्साना मैक्सिमचुक और मैक्स रोसोचिंस्की)

बुढ़ापे से मरे

दादा और दादी मरे
एक ही दिन एक ही समय एक ही पल-
लोगों ने कहा, बुढ़ापे से मरे
उनकी मुर्गियां भी मरीं
साथ ही मरीं उनकी बकरियां, उनका कुत्ता
(बिल्ली उस समय बाहर थी)
और लोगों ने कहा, बुढ़ापे से मरे
उनकी झोपड़ी टूट गई उनकी छत हो गई बर्बाद
तहखाने में भर गई मिट्टी
लोगों ने कहा, पुरानी थी इसलिए ढह गई
दादा और दादी को दफन करने आए उनके बच्चे
ओल्हा गर्भवती थी सेरहाई नशे में था
सोन्या की उम्र थी केवल तीन साल
वे सब भी समाप्त हो गए
और लोगों ने कहा, बुढ़ापे से मरे
ठंढी हवा ने पेड़ से अलग कर दी पीली पत्तियां
और दादा, दादी, ओल्हा, सेरहाई
और सोन्या के नीचे कर दिया दफन
तो सभी मरे थे बुढ़ापे के कारण!
(यूक्रेनी से अंग्रेजी में अनुवाद ः
नातोली कुद्रयाविट्सकी)
भौंहें
नहीं- नहीं, मैं काले कपड़े नहीं पहनूंगी
काले जूते और काली चादर भी नहीं
मैं सफेद कपड़ों में आऊंगी तुम्हारे पास-
अगर मुझे आने का अवसर मिला
और हां, मैं नौ सफेद घाघरे पहन कर आऊंगी
एक के अंदर एक
मैं आइने के सामने बैठूंगी
(कपड़े से टंगा होगा आइना)
जलाऊंगी माचिस
जल जाएगी वो और मैं
अपनी जीभ की नमी से गीला करूंगी इसे
और बनाऊंगी काली भौंहें
अपनी भौंहों के ऊपर, वो भी काली
फिर मेरे पास होंगी दो जोड़ी भौंहें
मेरी और उनके ऊपर तुम्हारी
नहीं- नहीं, मैं काले कपड़े नहीं पहनूंगी
मैं तुम्हारी काली भौंहे पहनूंगी
अपने ऊपर।
(यूक्रेनी से अंग्रेजी अनुवाद- स्वेतलाना लोवोच्किना)

अंतिम संस्कार

यह आतंकी झाड़ी की तरह लगता है
हवा में कांपता है और गिरती हैं इसकी पत्तियां
पर इसके मुंह से सांस बाहर निकल आती है-
उस व्यक्ति के लिए जो झाड़ी बनना चाहता है
ये तो बहुत बड़ी मुश्किल है
यह आतंकी बर्फ की तरह लगता है
मुलायम और सफेद, लेकिन
जो बर्फ की तरह दिखना चाहता है,
उसके लिए गरम शरीर तो बड़ी समस्या है
यह आतंकी सुंदर लड़की की तरह लगता है
मुझे देखकर मुस्कुराती है वह
उसे उम्मीद है लुभा लेगी मुझे वह चूमने के लिए
वासना की जानकारी के बलबूते
अपने आतंकी-पने की ओर कर लेगी आकर्षित
लेकिन उसके लिए भी है मुश्किल
मुझे लड़के पसंद हैं
यह आतंकी सवार है लाश ढोने वाली गाड़ी पर
लिखा है इसपर ‘अंतिम यात्रा’
हां, सच है कि उसकी सेवाएं हैं डरावनी
उसे खुद नहीं पसंद अपना व्यवसाय
लेटा है वह अपने अपने ताबूत में
लाश की तरह पीला
बर्फ की तरह ठंढा
झाड़ियों की तरह श्वास-हीन
वह इतना पक्का है अपने काम में
सिखा रखा है हृदय को जब चाहे रुक जाना
किसी चेक-प्वाइंट पर और अचानक
रुक गया हमेशा के लिए
वह अपने काम में हो जाएगा पक्का-
अगर तुम मना लो खुद को कि
वह बस एक आतंकी है, मनुष्य नहीं!
(यूक्रेनी से अंग्रेजी में अनुवाद- ओकसाना मैक्सिमचुक)

संपर्क अनुवादक : राजेश कुमार झा ए2/174, आयानगर, फेज़ 5, नई दिल्ली 110047 मो.9810216943 ईमेलkjrajesh@gmail.com