नीलांबर की एक सांझ कविता की

देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था नीलांबर द्वारा ‘एक साँझ कविता की-8’ का आयोजन हावड़ा के शरत सदन में किया गया।यह आधुनिक तकनीक और प्रयोग के समावेश से साहित्य को आम जन तक पहुंचाने का प्रयास है।इस कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी के प्रतिष्ठित कवि देवी प्रसाद मिश्र ने की।आमंत्रित कवियों में सविता सिंह, पूनम विश्वकर्मा वासम और नेहा नरूका शामिल थीं।

नीलांबर के संरक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह ने स्वागत वक्तव्य में कहा कि हम संवेदना के सेंसर वाले लोग खूब सींझते है दुख में, विरह में, वेदना में, लेकिन सब कुछ फिर गाते हैं कविता में।संस्था के अध्यक्ष यतीश कुमार ने कहा कि सबके भीतर मनुष्यता की लौ जलाए रखने की जरूरत है।युवा गायिका ममता शर्मा और कविता कोलाज के निर्देशक ऋतेश कुमार के अलावा विशाल पांडेय, दीपक ठाकुर, पूनम सोनछात्रा, भरत साव, प्रिया शर्मा, प्रीति पांडेय, हंसराज, निखिल विनय, आरती सेठ और तनिष्का ने भाग लिया।रश्मि बंद्योपाध्याय और टीम ने विनोद कुमार शुक्ल की कविताओं पर नृत्य की प्रस्तुति की।

कार्यक्रम का संचालन पूनम सिंह ने किया।संयोजक ममता पांडेय थीं।

प्रस्तुति: आनंद गुप्ता

 नागार्जुन जयंती कवि पर्वके रूप में

सांस्कृतिक पुनर्निर्माण मिशन की ओर से भारतीय भाषा परिषद के सभाकक्ष में ज्येष्ठ पूर्णिमा को जन्मे नागार्जुन की जयंती कवि पर्व के रूप में मनाई गई।आरंभ में प्रो. संजय जायसवाल ने कहा कि नागार्जुन ने अपनी कई रचनाओं में नौजवानों को बड़ी आशा से देखा है।उनके ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जन्म को देश भर में कवि पर्व के रूप में मनाया जाता है।मिशन का लक्ष्य नई पीढ़ी के बीच साहित्य का लोकप्रियकरण है। ‘कवि पर्व’ के आयोजन में प्रियंकर पालीवाल, राज्यवर्धन, सेराजखान बातिश, अभिज्ञात जैसे वरिष्ठ कवियों के साथ नई पीढ़ी के आनंद गुप्ता, रचना सरन, पूनम सोनछात्रा, मनीषा गुप्ता, इबरार खान, सूर्यदेव राय, राजेश सिंह, रेशमी सेनशर्मा, मुकुंद शर्मा और अभिषेक पांडेय ने कविता पाठ किया।अध्यक्षता करते हुए डॉ. शंभुनाथ ने कहा कि नागार्जुन के काव्य में ज्येष्ठ का ताप और पूर्णिमा का सौंदर्य है।नए कवियों को इस आलोक में दूर तक जाना है।

प्रस्तुति: सूर्यदेव राय