हल्दी

सर्दियां आ गई थीं। लड़के के सामने टेबल पर गर्म दूध का गिलास पड़ा था। लड़के ने आवाज देकर कहा, ‘इसमें हल्दी डाल दो, आज हल्दी वाला दूध पीने का मन है।’ रसोई से मसालदानी पकड़े हुए एक औरत तेजी से आई और गिलास में एक चम्मच हल्दी मिला कर बिना रुके वापस रसोई में चली गई।

वो गिलास उठाते हुए बोला, ‘हमारे ऋषि मुनियों ने न जाने कितने प्रयोग किए होंगे इस हल्दी के गुणों का पता लगाने के लिए। वे लोग बड़े इंटेलीजेंट रहे होंगे।’

रसोई से आवाज आई, ‘क्या पता, किचन में बैठी किसी औरत ने ये प्रयोग करके हल्दी का पता लगाया हो…’

कमरे से कोई जवाब नहीं आया।

आवाज दो

दरवाजे पर दस्तक हुई।

एक महिला ने दरवाजा खोला। बाहर तीन-चार आदमी खड़े थे। उनमें से एक बोला, ‘आपके पति कहां हैं?’

महिला ने पूछा, ‘क्या हुआ?’

आदमी ने जवाब दिया, ‘उनको गिरफ्तार किया जा रहा है?’

महिला ने फिर पूछा, ‘पर क्यों?’

आदमी बोला, ‘ये कल मीटिंग में गए थे और वहां इन्होंने सभागार में दो शब्द बहुत जोर से बोले थे।’

‘कौन से दो शब्द?’ उसने पूछा।

दरवाजे पर खड़े आदमी ने कहा, ‘आवाज दो …’ इन्होंने ये दो शब्द इतनी जोर से कहे थे कि आस-पास के लोगों की नींद खराब हो गई थी।

महिला बोली, ‘पर वहां से आवाज बाहर नहीं जाती? और वहां तो आस-पास ज्यादा घर भी नहीं हैं?’

आदमी ने जवाब दिया, ‘हाँ, पर वहां एक चौकीदार था, जिसकी नींद खराब हुई थी। बाकी हम नहीं जानते। हमें इन्हें गिरफ्तार करने का आदेश है, सो कर रहे हैं। हटिए बीच से।

शोधार्थी कानपुर र्आआईटी, 41, नरोत्तम नगर, खन्ना, जिला – लुधियाना, पंजाब – 141401