चर्चित युवा कवि तथा लेखक।अद्यतन कविता संग्रह ‘आंख में तिनका’ और लेखों का संग्रह ‘बाजार के अरण्य में’। कला ऐसे ही मरती है चेहरे पर भय करुणादुख और विषाद के साथथोड़ी तड़प और ज्यादा बेचैनीमिलाती हुई वहलालबत्ती पर खड़ीहर गाड़ी पर देती है दस्तक जिंदगी के बंद किवाड़ों सेनहीं आती...
अच्युतानंद मिश्र युवा आलोचक। अद्यतन कविता संग्रह ‘आंख में तिनका’ और लेखों का संग्रह ‘बाजार के अरण्य में’। नवजागरण के संदर्भ में जर्मन दार्शनिक एडोर्नो ने लिखा है ‘नवजागरण जरूरी है, मगर असंभव’। कोई भी समाज अपनी यथास्थितियों के विरुद्ध संघर्ष करता है, लड़ता है- यह...
Recent Comments