वरिष्ठ कवि।कविता संग्रह ‘खोई हुई हँसी’।संप्रति स्वतंत्र लेखन। भीतर की आग किसने कहा था तुमसेप्रश्नों से विचार को टकराओ औरवाणी को एक नया अर्थ दोव्यवस्था के भीतर की आगबाहर आकर किसी पेशेवर वेश्या सीटहल रही हैकिसने कहा था- तुम हवा से अजनबी सासुलूक करो और...
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