सरकारी सेवा से निवृति के बाद स्वतंत्र लेखन।विभिन्न विधाओं की कुल बयालीस पुस्तकें प्रकाशित। खोया है एक मन बाग में, बगीचे मेंपोखर में, ताल मेंकंचे, कबड्डीशरारत, धमाल मेंअभी ददिहालअभी-अभी ननिहाल मेंसुधियों के मेले मेंखोया है एक मन तुतलाते होंठ पढ़ेंद्वेष के...
सरकारी सेवा से निवृति के बाद स्वतंत्र लेखन।दो उपन्यास, चार कहानी संग्रह, एक गजल संग्रह, एक कविता संग्रह सहित कुल पैंतीस पुस्तकें प्रकाशित। हो के कामयाब भी थोड़ी सी नादानी रखनादिल में मोहब्बत रखना, आंख में पानी रखना वक्त चारासाज है वो जख्म सभी भर देगाहो...
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