मलूकदास की चिंता और अकाल : आलोक कुमार पाण्डेय

मलूकदास की चिंता और अकाल : आलोक कुमार पाण्डेय

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा  में शोधार्थी। मलूकदास (17वीं सदी) का पारिवारिक धंधा व्यापार था, जिसमें प्रायः उनका मन नहीं लगता था । वे अपने समाज में व्याप्त अनेक प्रकार की दुश्वारियों से दो-चार हो रहे थे । न केवल उनका काव्य, बल्कि वैयक्तिक...