अंबिका दत्त की कविता दीवारें

अंबिका दत्त की कविता दीवारें

        वरिष्ठ कवि। हिंदी के साथ राजस्थानी में भी लेखन। ‘आवों में बारहों मास’, ‘कुछ भी स्थगित नहीं’ (हिंदी कविता संग्रह)। 1.दीवारें उठती हैंतब लोग लड़-लड़ कर मरते हैंदीवारें गिर रही हैंलोग दब-दब कर मर रहे हैं।2.छोटा-सा शब्द है दीवार – तीन...
अंबिका दत्त की कविता दीवारें

अंबिका दत्त की कविता दीवारें

        वरिष्ठ कवि। हिंदी के साथ राजस्थानी में भी लेखन। ‘आवों में बारहों मास’, ‘कुछ भी स्थगित नहीं’ (हिंदी कविता संग्रह)। 1.दीवारें उठती हैंतब लोग लड़-लड़ कर मरते हैंदीवारें गिर रही हैंलोग दब-दब कर मर रहे हैं।2.छोटा-सा शब्द है दीवार – तीन...