शब्द की कराह : अमरेंद्र कुमार शर्मा कविता कवि, आलोचक। आलोचना की दो पुस्तकें। मुझमें हजारों उजले शब्द की कराहें रहती हैंधकेल देता हूँ उन्हें अंधियारी गुफा में जबरनदरअसल उजले शब्दों के आसपासहत्यारों का पहरा है बहुत सख्तजारी हैउजले शब्दों के आखेट का संगठित अभियानउजले शब्दों की कराहों को...
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