आदिवासी कविता चर्चित कवि, कहानीकार और स्तंभ लेखक। अद्यतन काव्य संग्रह ‘अघोषित उलगुलान’। हमें चाहिए पानीदार चेहरे मेरी उम्मीद राजधानी के ताले बंदचमकदार चेहरों से नहीं हैमैंने देखा है उन्हेंमजदूरों के बहुत पास से गुजरते हुएउनकी आंखों में न नमी है औरन ही उनकी कलाई की...
युवा आलोचक।‘नयी परंपरा की खोज’ सद्यः प्रकाशित आलोचना पुस्तक।इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्राध्यापन। जेसिंता केरकेट्टा का हाल में प्रकाशित तीसरा कविता संग्रह संग्रह है ‘ईश्वर और बाज़ार’।ईश्वर के नाम पर एक बाज़ार सजाया जा रहा है।मंदिर में प्रवेश करने से पहले व्यक्ति को...
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