अनुजीत इकबाल, युवा कवयित्री उपन्यास ‘द इनर श्राइन’। निरर्थक साधनाओं में कैद होता संसार तुमको तलाशता सुदूर तीर्थों में और मैं लिखती हूँ तुम्हारी विस्तृत हथेली पर वे तमाम प्रणयगीत जो मेरा हृदय गाता है व्यर्थ कर्मकांडों के वशीभूत होता संसार तुम को ढूंढता बेमतलब...
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