भारतीय भाषाओं के सामने चुनौतियां : प्रस्तुति- अनुपम श्रीवास्तव

भारतीय भाषाओं के सामने चुनौतियां : प्रस्तुति- अनुपम श्रीवास्तव

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के सूचना एवं भाषा प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर (भाषाविज्ञान)। भारत का विविधतासंपन्न भाषाई मानचित्र सोच-विचार और काम करने की कुछ न कुछ गुंजाइश हमेशा बनाए रखता है। भारतीय भाषाओं की ऐतिहासिक परंपराएं, उनके परस्पर संबंधित...
क्या कृत्रिम मेधा विश्व को बदल देगी : प्रस्तुति- अनुपम श्रीवास्तव

क्या कृत्रिम मेधा विश्व को बदल देगी : प्रस्तुति- अनुपम श्रीवास्तव

केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा के सूचना एवं भाषा प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर (भाषाविज्ञान)।भारतीय भाषा-चिंतन के साथ भाषा, संस्कृति और मीडिया अध्ययन में रुचि। सूचना क्रांति की तेज रफ्तार से गुजरता विश्व कृत्रिम बुद्धिमता के नए दौर में प्रवेश कर चुका है। आज से...
अवतार सिंह पाश की कविताएं, कविता पाठ : अनुपम श्रीवास्तव

अवतार सिंह पाश की कविताएं, कविता पाठ : अनुपम श्रीवास्तव

कवि : अवतार सिंह पाश कविता पाठ : अनुपम श्रीवास्तव (भाषा प्रौद्योगिकी विभाग)ध्वन्यांकन : अनुपमा ऋतु (लेखिका एवं अनुवादक)दृश्य संयोजन-सम्पादन : उपमा ऋचा (मल्टीमीडिया एडीटर वागर्थ)प्रस्तुति : वागर्थ, भारतीय भाषा पारिषद कोलकाता अनुपम श्रीवास्तव, अनुपमा ऋतु, उपमा...
कविता : सुमित्रानंदन पंत, कविता पाठ : अनुपम श्रीवास्तव

कविता : सुमित्रानंदन पंत, कविता पाठ : अनुपम श्रीवास्तव

यह धरती कितना देती है! मैंने छुटपन में छिपकर पैसे बोये थे,सोचा था, पैसों के प्यारे पेड़ उगेंगे,रुपयों की कलदार मधुर फसलें खनकेंगीऔर फूल फलकर मै मोटा सेठ बनूँगा!पर बंजर धरती में एक न अंकुर फूटा,बन्ध्या मिट्टी ने न एक भी पैसा उगला!सपने जाने कहाँ मिटे, कब धूल हो गये!मैं...