विगत तेईस वर्षों से डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में।अब तक चार उपन्यास, तीन कहानी संग्रह तथा एक अनुवाद प्रकाशित।उनका उपन्यास ‘वेयर डू आई बिलांग’ डेनिश समाज पर हिंदी में लिखा पहला उपन्यास है। ‘इडा कैसी है?’ ‘इवान!’ जूलिया ने तुरंत पूछने वाले को याद दिलाया। ‘हां भई,...
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