उन्हें भी हमसफर चाहिए : अर्चना पैन्यूली

उन्हें भी हमसफर चाहिए : अर्चना पैन्यूली

डेनमार्क की प्रवासी कथाकार। चार उपन्यास और तीन कहानी संग्रह प्रकाशित। एक डेनिश -हिंदी अनुवाद भी। अद्यतन उपन्यास ‘कैराली मसाज पार्लर’। ईशान और मैं अपने छात्र जीवन के दौरान यूबीसी – यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलम्बिया, वैंकूवर में मिले थे, मगर हमारी असली डेटिंग...
मैं लड़का हूँ : अर्चना पैन्यूली

मैं लड़का हूँ : अर्चना पैन्यूली

विगत तेईस वर्षों से डेनमार्क की राजधानी कोपनहेगन में।अब तक चार उपन्यास, तीन कहानी संग्रह तथा एक अनुवाद प्रकाशित।उनका उपन्यास ‘वेयर डू आई बिलांग’ डेनिश समाज पर हिंदी में लिखा पहला उपन्यास है। ‘इडा कैसी है?’ ‘इवान!’ जूलिया ने तुरंत पूछने वाले को याद दिलाया। ‘हां भई,...