सुप्रसिद्ध हिंदी कवि।प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित।अद्यतन कविता संग्रह ‘योगफल’। 1.वो बाजार ठठेरों का था दिन भर ठक ठक होती थीफूटे बरतन रासे जाते फिर कलई भी चढ़ती थीपीतल वाले बाजे भी चमचम चमकाए जाते थेपिचके थोथे सबके मुखड़े नया जनम ले आते थेयही...
Recent Comments