वरिष्ठ लेखक और कवि। तीन कविता संग्रह प्रकाशित। अद्यतन संग्रह ‘एक सदा आती तो है’। जाति ब्राह्मण ने मूर्ति को दिखा कर कहाशीश झुकाओ, प्रणाम करोआशीर्वाद मांगोमैंने सब किया तो ब्राह्मण बोलातुम्हारा कल्याण हुआदक्षिणा चढ़ाओमैंने पूछा- तुम्हें कैसे पतावह...
अद्यतन कविता संग्रह ‘एक अनागरिक का दुख’। संप्रति एक शिक्षण संस्थान में कार्यरत। आबरू नागरिक की ओ नागरिको!अब जाओ, सो जाओकल आनासड़क पर आने की जरूरत क्यों-धान के खेत में बच्ची गई हैकिसान का खाना लेकरफैक्टरी में कामगार का भोजनकैटवाक करती कोई बच्ची ही तो हैघास...
अद्यतन कविता संग्रह ‘एक ऐसी दुनिया की तलाश में’।संप्रति शिक्षण संस्थान में कार्यरत। रात में कौन लौटता हैथका हरा ड्राइवरगमछी से पसीना पोंछता हुआ ठीक आधी रात कोरोग लौट आता हैचुपके-चुपके अधिकांश लोगआधी रात में मरते हैंरात को हीकुत्ते रोते हैं बुक्का फाड़कर...
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