युवा कवयित्री। विभिन्न पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। महामारी फ्रैंकफर्ट की आम-सी शाम हैएक अदना-सी लड़कीकैंची की तरह बतिया रही हैअपनी सहेली के साथआइसक्रीम पार्लर की ओर लापरवाही सेबढ़ते उसके कदम उसकी बेपरवाही सेबड़े मेल खाते हैंवह जितनी हल्की जितनी मुलायम...
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