तीन गीत : अश्वघोष

तीन गीत : अश्वघोष

    वरिष्ठ गीतकार। अद्यतन गीत संकलन: ‘गौरैया का घर खोया है’। एक रहते रहे हमबस बदी के साथ हीरहते रहे सोच की शतरंज परराजा मरा, रानी मरीसाथ में भीतर ही भीतरसारी हैरानी मरीबहते रहे हमबस नदी के साथ हीबहते रहे आग, पानी ने निभाईरोज हमसे दुश्मनीआदमी होकर भी...
दो कविताएं : अश्वघोष

दो कविताएं : अश्वघोष

        वरिष्ठ गीतकार। अद्यतन गीत संकलन: ‘गौरैया का घर खोया है’। 1. प्रासंगिक होना अब सत्ता के कुछ कारिंदे डाल रहे जनता पर फंदे चाह रहे प्रासंगिक होना बात हवा में करते हैं ये सच में झूठा भरते हैं ये चाहत की सारी फसलों को सिखा रहे बंजर में बोना...