यूक्रेन-तीन स्त्रियां : ओलेसा ख्रोमेचुक, हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘ऐतेश’

यूक्रेन-तीन स्त्रियां : ओलेसा ख्रोमेचुक, हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘ऐतेश’

ओलेसा ख्रोमेचुकइतिहासकार और लेखिका। ‘द डेथ ऑफ ए सोल्जर टोल्ड बाय हिज सिस्टर’ (2022) की लेखिका। कई ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में पूर्व-मध्य यूरोप का इतिहास पढ़ाया।वर्तमान में यूक्रेन संस्थान, लंदन की निदेशक। बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’कवि और अनुवादक।अद्यतन कविता संग्रह ‘छिपेगा...
अफगानी कहानी – बिखरा सपना : परंद

अफगानी कहानी – बिखरा सपना : परंद

हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’कवि और अनुवादक।अद्यतन कविता संग्रह : ‘छिपेगा कुछ नहीं यहां’।विश्व काव्यों के अनुवादों के दो संग्रह ‘स्वतंत्रता जैसे शब्द’ और ‘जब उतरेगी सांझ शांतिमय’ और विश्व कथाओं और लेखों का संग्रह प्रकाशित ‘ये झरोखे उजालों के’। परंद...
अमेरिकी कविताएं : मिमि जर्मन, अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ‘ऐतेश’

अमेरिकी कविताएं : मिमि जर्मन, अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ‘ऐतेश’

मिमी जर्मनअमेरिकी कवयित्री। प्रसिद्ध कविता संग्रह ‘बिनीथ द ग्रेवल वेट ऑफ स्टार्स’ और ‘व्येहर ग्रासेस बेंड’। हाल ही में उन्हें नेशनल बीट फाउंडेशन द्वारा ओरेगन की प्रथम बीट पोएट लॉरेट (2023-2025) नामित किया गया है। अस्तित्व यदि काट दिया जाएपुराने जैतून केपेड़ का तना भीतो...
अफगानी कहानी ‘तकिया’ : फरांगिस एलयासी, हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’

अफगानी कहानी ‘तकिया’ : फरांगिस एलयासी, हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’

कई सालों तक मैंने चैन की नींद ली। मैं हमेशा कहती कि यह मेरे तकिये की वजह से है। जैसे ही मैं उस तकिये पर सिर रखती, मुझे नींद आ जाती – इतनी गहरी नींद कि मुझे घड़ी में केवल रात के 10 बजे और सुबह 6 बजे का ही पता होता, उसके बीच के अंधेरे का मुझे कुछ भी नहीं मालूम।...
साइप्रसी कविताएं :नेसे येसेन, अंग्रेजी से अनुवाद  : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’

साइप्रसी कविताएं :नेसे येसेन, अंग्रेजी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’

हिंदी प्रस्तुति : बालकृष्ण काबरा ‘एतेश’कवि और अनुवादक। अद्यतन कविता संग्रह ‘छिपेगा कुछ नहीं यहां’। विश्व साहित्य के अनुवादों के तीन संग्रह : ‘स्वतंत्रता जैसे शब्द’, ‘जब उतरेगी सांझ शांतिमय’ और ये झरोखे उजालों के।   बड़े शब्द जब कविता बोलेगी बड़े शब्दसारे हथियार हो...