भानु प्रकाश रघुवंशी

भानु प्रकाश रघुवंशी

    युवा कवि। कविता संग्रह ‘जीवन राग’। संप्रति – कृषि कार्य। आओ प्रिय जब तलवे में खुजली होती हैमन कहता है कितुमने ही छेड़ी होगी बातसखियों से बतिया रही होगीहमारे बारे में ही रात के तीसरे पहर किताब पढ़ते हुएहिचकी आती हैहाथ से छिटककर गिर जाती है किताबदोस्त...