मेरे अग्रज नंदकिशोर नवल/ भारत भारद्वाज विस्मृति से एतराज़वरिष्ठ समीक्षक और लेखक ‘पुस्तक वार्ता’, ‘वर्तमान साहित्य’ आदि पत्रिकाओं के पूर्व-संपादक । सपने में भी मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे नंदा भैया की श्रद्धांजलि लिखनी पड़ेगी, लेकिन यथार्थ क्रूर होता है। उसे चुपचाप स्वीकार करने के अतिरिक्त कोई...
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