कविताएं  : ब्रज श्रीवास्तव

कविताएं : ब्रज श्रीवास्तव

चर्चित कवि। ‘तमाम गुमी हुई चीज़ें’, ‘घर के भीतर घर’, ‘ऐसे दिन का इंतज़ार’ और ‘आशाघोष’ चार कविता संग्रह प्रकाशित। बंधन हर नदी के हिस्से मेंएक बारबंधन आ ही जाता हैदेखो ठीक बांध के बादगिरना नदी के पानी कादेखोइन छोटे छोटे झरनों कोपानी के गुच्छे तन्मयता सेगिर रहे हैं निचली...
दो कविताएं : ब्रज श्रीवास्तव

दो कविताएं : ब्रज श्रीवास्तव

चर्चित कवि। तमाम गुमी हुई चीज़ें, घर के भीतर घर, ऐसे दिन का इंतज़ार, और आशाघोष चार कविता संग्रह प्रकाशित। सच बोला तो पहली बार मैंसच बोला थालोग खुश हुए थे दूसरी बार बोला तोकानाफूसी हुईतीसरी बार बोलातो मुझे समझाईश दी गईकम बोलने की चौथी बार बोलातो सब खामोश हो गए पांचवी बार...
दो कविताएं : ब्रज श्रीवास्तव

दो कविताएं : ब्रज श्रीवास्तव

चर्चित कवि। तमाम गुमी हुई चीज़ें, घर के भीतर घर, ऐसे दिन का इंतज़ार, और आशाघोष चार कविता संग्रह प्रकाशित। सच बोला तो पहली बार मैंसच बोला थालोग खुश हुए थे दूसरी बार बोला तोकानाफूसी हुईतीसरी बार बोलातो मुझे समझाईश दी गईकम बोलने की चौथी बार बोलातो सब खामोश हो गए पांचवी बार...