चित्रा पंवार

चित्रा पंवार

    युवा कवयित्री। एक कविता संग्रह ‘दो औरतें’। संप्रति अध्यापन। प्रेम करो प्रेम करोजैसे मिट्टी करती हैबीज सेजैसे पहाड़ करते हैंनदी सेमां करती है शिशु सेआसमान करता हैजमीन सेवैसे ही तुम प्रेम करो मुझेनेह का एक छोर थाम करमुक्त करो मुझे मेरे लिए। मार्च प्रेम तुम...
पृथ्वी : चित्रा पंवार

पृथ्वी : चित्रा पंवार

      युवा कवयित्री।संप्रति अध्यापन। 1.आसान कहांकिसी सूरज के प्रेम में पृथ्वी हो जानान चुंबन, न आलिंगनन धड़कनों पर कान रखकरसांसों का प्रेम गीत सुन पानाबस दूर से निहारना और घूमते रहनादुखों भरे उसी विरह पथ परमिलन की प्रतीक्षा लिए निरंतर। 2.यकीनन पृथ्वी...