चचा चूड़ियां बेचकर आ रहे थे तो मैंने उन्हें रोक लिया। -कहां से आ रहे चचा? -मंगलपुरवा से आय रये बेटा।चचा ने अपनी दाढ़ी खुजाते हुए साइकिल खड़ी कर दी। -अरे चचा ऊ तो हिंदुओं का गांव है, वहां जाते डर नहीं लगा? -काहे का डर बच्चा, पीढ़ियां निकल गईं यही करते करते।चूड़ियां बेचते...
पापा को एडमिट हुए एक हफ्ते से ज्यादा हो गए थे, पर किसी का मजाल था कि कोई कुछ बाहर से लेकर खा ले।छोटी बहन बाहर से लेकर कुछ खाने की जिद करती तो दादी झिड़क देतीं- ऊंचे कुल के हैं।नेम-धर्म से रहना पड़ता है …कौनो जाति-कुजाति के हाथ का खाकर अपना धर्म थोड़ी न भ्रष्ट करना...
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