सुपरिचित कथाकार और कवि। ‘बीड़ी पीती हुई बूढ़ी औरत’ (कविता संग्रह) और ‘बारिश थमने के बाद’ (कहानी संग्रह) प्रकाशित।त्रैमासिक पत्रिका ‘पाठ’ का संपादन। सुबह के नौ बज रहे हैं।सोमनाथ बाबू ने कलाई पर बंधी घड़ी की तरफ देखा।कैलाश जी की अर्थी को ग्यारह बजे मुक्तिधाम ले जाने...
‘बीड़ी पीती हुई बूढ़ी औरत’ (कविता संग्रह) और ‘बारिश थमने के बाद’ (कहानी संग्रह) प्रकाशित।त्रैमासिक पत्रिका ‘पाठ’ का संपादन। साल की वह आखिरी सुबह थी।दिसंबर की कड़ाके की ठंड वाली सुबह।दो दिन पहले ही शहर में जमकर बारिश हुई थी, ओले भी गिरे थे, जिसकी वजह से शहर का तापमान 4-5...
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