वक्तव्य और बांग्ला कविता : सुबोध सरकार

वक्तव्य और बांग्ला कविता : सुबोध सरकार

सुबोध सरकारबंगाली भाषा के विख्यात कवि, लेखक और संपादक। कविता-संग्रह द्वैपायन ह्रदेर धारे के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। वक्तव्य : ‘कवियों से इतना डर क्यों?’     हिंदी अनुवाद: विजय कुमार यादव लेखक और अनुवादक। परमेश घोष के बांग्ला उपन्यास और...
पूर्वोत्तर की कविताएं : गारो

पूर्वोत्तर की कविताएं : गारो

फैमेलिन के. मरक (1967) गारो भाषा की प्रतिष्ठित कवयित्री और लेखिका।अंग्रेजी में भी लिखती हैं। अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद : देवेंद्र कुमार देवेश (1974) हिंदी कवि, आलोचक, अनुवादक और संपादक।कुल डेढ़ दर्जन पुस्तकें प्रकाशित।रचनाओं के अनुवाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में हुए...
असमिया कविताएं – अनुवाद : देवेंद्र कुमार देवेश / रूमी लश्कर बोरा

असमिया कविताएं – अनुवाद : देवेंद्र कुमार देवेश / रूमी लश्कर बोरा

हरेकृष्ण डेका जन्म : 1941।असमिया कवि, कथाकार और आलोचक।साहित्य अकादेमी पुरस्कार, कथा पुरस्कार तथा असमिया साहित्यिक पुरस्कार (2010) सहित अनेक सम्मान प्राप्त।दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। किसका ईश्वर आपमें से किसी को यदिईश्वर का पता मिलेमुझे बतानाऔर मैं उसके पास...
फैसला : रूमी लश्कर बोरा, अनुवाद : देवेंद्र कुमार देवेश

फैसला : रूमी लश्कर बोरा, अनुवाद : देवेंद्र कुमार देवेश

सुपरिचित कवि।अद्यतन संपादित कहानी संग्रह ‘कोसी की नई जमीन’।साहित्य अकादेमी पूर्वी क्षेत्र के सचिव। रूमी लश्कर बोरा असमिया की सुपरिचित लेखिका एवं सामाजिक कार्यकर्ता।एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। जरूरत से कहीं अधिक ही सेवा की थी सिस्टर सुकन्या ने।ड्यूटी के लिए...
जर्मन कथाकार आइजक पेरेज को समर्पित कविता ‘सबसे प्रिय पुत्र’ : देवेंद्र कुमार देवेश

जर्मन कथाकार आइजक पेरेज को समर्पित कविता ‘सबसे प्रिय पुत्र’ : देवेंद्र कुमार देवेश

      सुपरिचित कवि। अद्यतन संपादित कहानी संग्रह ‘कोसी की नई जमीन’।   दुनिया का सबसे निरीह आदमी मर गयापर दुनिया में कोई हलचल नहीं हुईकोई नहीं जानता था उसका नामउसका निवास-स्थानअथवा यह कि वह मरा कैसे?अगर दुनिया इतनी गतिशील न होतीसब अपने ही काम-धंधों में...