वरिष्ठ लेखक। राजस्थान साहित्य अकादमी बालसाहित्य सम्मान से सम्मानित। सेवानिवृत्त व्याख्याता। सुमरेश बाबू उत्साहित थे कि आज उन्हें वर्षों बाद अपनी जन्मभूमि छावनी, कोटा जाने का अवसर मिल रहा है। कई बार प्रयास किया, लेकिन लखनऊ से व्यस्तता के चलते कभी आना ही नहीं हुआ। पैंसठ...
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