कवि, पत्रकार एवं अनुवादक। 11 कविता संग्रह, 2 उपन्यास और अनूदित 70 पुस्कतें प्रकाशित। उत्पल डेकाअसममिया युवा कवि। संप्रति शोध छात्र। तीन कविता संग्रह और एक अनूदित उपन्यास प्रकाशित। परिक्रमा बात थामती हैसमय की जड़ जिस खिड़की पर सूरज बैठता हैउसकी छुअन से...
कवि, पत्रकार एवं अनुवादक। 11 कविता संग्रह, 2 उपन्यास और अनूदित 70 पुस्कतें प्रकाशित। उदास लोग जब उदास लोगों से मिलता हूँऔर गहरी हो जाती है मेरी उदासीचेहरे पर पराजय के हस्ताक्षरआंखों में सुलगते हुए सवालउन आंखों में झांकते हुएघबराहट होने लगती है उदास लोगों...
कवि, पत्रकार एवं अनुवादक।10 कविता संग्रह प्रकाशित।असमिया से 60 से अधिक पुस्तकों का अनुवाद। संप्रति- सलाहकार संपादक, दैनिक अरुणभूमि। अभी सोया हुआ है कंक्रीट का जंगलअभी सोया हुआ है कंक्रीट का जंगलऔर सुन रहा हूं पंछियों का कलरवरेलगाड़ी की सीटीरेत और सीमेंट...
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