गांव की महक :  एकता प्रकाश

गांव की महक : एकता प्रकाश

    नवोदित कवयित्री।पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। मेरे पास थे बासमती अरवाब्राउन चावल उपलब्धलेकिन मैंने पकाया तसले मेंउसना चावल का भातमेरे पास थे रहड़ मसूड़ मूंग राजमा उपलब्धमैंने पकाई रसोई में चने की दाल मेरे पास थे शीशे फाइबर स्टील फुलवा थालीभरे पड़े थे...