गोपी नवीन शुक्ला

गोपी नवीन शुक्ला

    युवा कवयित्री। एक साझा कविता संग्रह प्रकाशित। संप्रति : शहडोल में अध्यापन। मां की टिकुली मां लगातीहर रोजएक नए रंग कीबड़ी सी गोल बिंदी जब लगाती लाल बिंदीजैसे उठा लेती माथे परसवेरे का सूरज जब वह लगाती हरी बिंदीकाट लाती धरती कीचादर के किसी छोर सेएक गोल टुकड़ा...