संविधान को जीवन का माध्यम मानने वाले भीमराव आंबेडकर युग परिवर्तनकारी व्यक्तित्व थे. एक सदी पहले की परिस्थितियों में भी वह एक ऐसे आत्मनिर्भर समाज का सपना देख रहे थे, जो जाति-धर्म की दीवारों से परे हो. वे जानते थे कि इस सपने का सच होना कठिन है, लेकिन उन्हें विश्वास था...
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर वागर्थ की विशेष मल्टी मीडिया प्रस्तुति फ़िराक़ एवं सुब्रह्मण्यम भारती रचना पाठ : गुरी, चिकित्सक डेन्वर कॉलरॉडो।वाचन स्वर एवं ध्वनि संयोजन : अनुपमा ऋतुदृश्यांकन एवं संयोजन : उपमा ऋचासंगीत : ईशा योग केंद्रप्रस्तुति : वागर्थ भारतीय भाषा परिषद्...
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की जयंती पर विशेष मल्टीमीडिया प्रस्तुति ‘वज्रादपि कठोर-मृदुनि कुसुमादपि’ निराला एक विराट समष्टि का नाम है। जीवन को कविता में और कविता को जीवन में उतारकर वंचितों और उपेक्षितों की वेदना, भूख, मान को अपनी आत्मा में महसूस करने वाला...
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