निहत्थी स्त्री : ज्ञानप्रकाश विवेक

निहत्थी स्त्री : ज्ञानप्रकाश विवेक

गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। यह पुराना मकान है। तीन बड़े कमरे, एक छोटा कमरा। कमरों के साथ बरामदा। दो-तीन सीढ़ियां उतरो तो आंगन शुरू होता है। आंगन में सूखी घास है और भरे हुए...
ज्ञानप्रकाश विवेक

ज्ञानप्रकाश विवेक

सुपरिचित वरिष्ठ कवि। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। चुनिंदा शेर ख़ुशी का चांद यहां कम जवान होता हैहमेशा फ़िक्रज़दा आसमान होता हैलपेटिए इसे रखिए या काटते रहिएग़रीब आदमी कपड़े का थान होता है…पतंग उसने उड़ाई...
बर्फबारी : ज्ञान प्रकाश विवेक

बर्फबारी : ज्ञान प्रकाश विवेक

गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। बर्फ गिर चुकी है। तीन दिन तक बर्फबारी। रुक-रुककर तो कभी निरंतर। बर्फ इतनी गिरी है कि हर शय का चेहरा, बर्फ का चेहरा बन गया है। हर तरफ सफेद रंग।...
टोल टैक्स : जयनंदन

टोल टैक्स : जयनंदन

सात उपन्यास, बाईस कहानी संग्रह, तीन नाट्य संग्रह तथा तीन वैचारिक लेखों के संकलन। फिलहाल टाटा स्टील से अवकाश प्राप्ति के बाद पूर्णकालिक लेखन। गांव के एक छोटे किसान पलकधारी का बेटा तरेगन प्रसाद एक बहुत ही मेधावी और विलक्षण लड़का था। गांववाले उस पर फख्र करते थे और उसे...
गजलें : ज्ञान प्रकाश विवेक

गजलें : ज्ञान प्रकाश विवेक

      गजल लेखन में सक्रिय। गजल, उपन्यास, कहानी, आलोचना आदि की तीस पुस्तकें प्रकाशित। अद्यतन गजल संग्रह ‘घाट हजारों इस दरिया के’। 1.बदन की खोलकर पुस्तक बिखर जाने को जी चाहेबहुत जिंदा रहे, थोड़ा-सा मर जाने को जी चाहेमुसाफिर हूँ मैं ऐसा सरफिरा मेरी न पूछो...