मोड़ से आगे : हरिशंकर राढ़ी

मोड़ से आगे : हरिशंकर राढ़ी

    वरिष्ठ लेखक। ‘युधिष्ठिर का कुत्ता’ (व्यंग्य संग्रह), ‘दर्शन, दृष्टि और पांव’ (यात्रा संस्मरण)।  संप्रति : अध्यापन एवं साहित्यिक त्रैमासिकी ‘समकालीन अभिव्यक्ति’ के सह संपादक। पहला साल पूरा होने में बस एक ही महीना रह गया है। रितिका के हिसाब से देखें तो अभी...
हरिशंकर राढ़ी

हरिशंकर राढ़ी

    ‘युधिष्ठिर का कुत्ता’ (व्यंग्य संग्रह), ‘दर्शन, दृष्टि और पांव (यात्रा संस्मरण) संप्रति: ‘समकालीन अभिव्यक्ति’ में सह संपादक। गंवार मैं छोड़ना चाहता थाथोड़ा-सा कच्चा आंगन पुरानी मिट्टी के साथजिसे बुहारा जा सके देशी कूंचे सेऔर लीपा जा सके गाय के गोबर सेकम से...
पथांतर : हरिशंकर राढ़ी

पथांतर : हरिशंकर राढ़ी

    ‘युधिष्ठिर का कुत्ता’ (व्यंग्य संग्रह), ‘दर्शन, दृष्टि और पांव (यात्रा संस्मरण) संप्रति: ‘समकालीन अभिव्यक्ति’ में सह संपादक। केतकी से मेरी मुलाकात पूरे बारह साल बाद हुई थी।बारह वर्ष यानी एक पूरा वनवास।हां, इसे एक पूरा वनवास मानना ही ठीक होगा।वनवास के लिए...