इंदु श्रीवास्तव

इंदु श्रीवास्तव

    ग़ज़ल संग्रह, ‘आशियाने की बातें’, ‘उड़ना बेआवाज़ परिंदे’ ग़ज़ल संग्रह। गजल जब तक कोई, रो-रो के दुहाई नहीं देताअफ़सोस, कि दुनिया को दिखाई नहीं देता कोहराम तो कोहराम है, दिल का कि गली काउठता है तो, फ़िर कुछ भी सुनाई नहीं देता बंधुआ हूँ मैं, तो खेत का मुखिया मेरा...
गज़ल : इंदु श्रीवास्तव

गज़ल : इंदु श्रीवास्तव

    ग़ज़ल संग्रह ‘आशियाने की बातें’ और ‘उड़ना बेआवाज परिंदे’ प्रकाशित।स्पेनिन सम्मान और रज़ा पुरस्कार से सम्मानित।गायन का शौक। हम तबाही से घिरे हैं और वो नाराज हैंखून के बादल उठे हैं और वो नाराज हैं अब किसी से क्या बताएं कितने शर्मिंदा हैं हममुफलिसों के घर जले...