बदशगुनी : इश्तियाक़ सईद

बदशगुनी : इश्तियाक़ सईद

मैं किसी जरूरी काम से बाजार जा रहा था कि अचानक मेरी बाईं ओर की गली से एक बिल्ली दौड़ती हुई निकली, शायद उसे सड़क पार जाना था। वह मेरा रास्ता काटती तथा मैं बदशगुनी का शिकार होता, इससे पहले मैं लपक के आगे बढ़ गया, जबकि बिल्ली मुझे देख जहां थी वहीं दुबक गई थी। चंद कदम आगे...
बदशगुनी : इश्तियाक़ सईद

बदशगुनी : इश्तियाक़ सईद

मैं किसी जरूरी काम से बाजार जा रहा था कि अचानक मेरी बाईं ओर की गली से एक बिल्ली दौड़ती हुई निकली, शायद उसे सड़क पार जाना था। वह मेरा रास्ता काटती तथा मैं बदशगुनी का शिकार होता, इससे पहले मैं लपक के आगे बढ़ गया, जबकि बिल्ली मुझे देख जहां थी वहीं दुबक गई थी। चंद कदम आगे...