आग को गाने लगी हैं आंधियां अब : जगदीश पंकज कविता वरिष्ठ कवि। नवगीत संग्रह : ‘सुनो मुझे भी’, ‘निषिद्धों की गली का नागरिक’, ‘समय है संभावना का’। आग को गाने लगी हैं आंधियां अबबादलो कुछ देरबरसो अब नगर में आ रहे हैंरोज अंगारे उछलकरफेंकता है कौनकितना जानते हैंरेत...
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