युवा कवि। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा निदेशालय दिल्ली के अधीन टीजीटी हिंदी। सभ्यताओं का स्वर्णकाल सभ्यताओं के स्वर्णकाल मेंहथियारों की खेती हुई और हवस की पूजाइतनी कि परियों को छुपाना पड़ा कोहे काफ मेंखून के रंग वाली धरती औरधुएं के आकाश से बने...
युवा कवि, शिक्षा निदेशालय, दिल्ली के अधीन शिक्षक। मुझे टुकड़ा-टुकड़ा बांट देना किसी दिन पानी-सा बहूंजमूं पिघलूं और भाप बन बादल में रहूं किसी दिन बदल जाऊं आग मेंभभकूं सुलगूं और बदल जाऊं राख में किसी दिन हवा हो जाऊंउड़ू उड़ाऊं और वायुमंडल में खो...
युवा कवि, शिक्षा निदेशालय, दिल्ली के अधीन शिक्षक। मुझे टुकड़ा-टुकड़ा बांट देना किसी दिन पानी-सा बहूंजमूं पिघलूं और भाप बन बादल में रहूं किसी दिन बदल जाऊं आग मेंभभकूं सुलगूं और बदल जाऊं राख में किसी दिन हवा हो जाऊंउड़ू उड़ाऊं और वायुमंडल में खो...
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