शोध छात्रा, हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग। आज की हिंदी कहानियों में स्त्री का जीवन, संघर्ष और स्वप्न मुखर रूप में व्यक्त हो रहा है।भूमंडलीकरण और बाजारवाद के बढ़ते प्रभाव का भी चित्रण अपने बदलते स्वरूप में मौजूद है।यह सच है कि आज स्त्रियां पहले की तरह बेड़ियों में...
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