ज्योति रीता

ज्योति रीता

    युवा कवयित्री।कविता संग्रह, ‘मैं थिगली में लिपटी थेर हूँ’।संप्रति शिक्षण में। प्यारी बच्चियो! यही वह वक्त हैजब तुम बेखौफ घरों से निकल सकती होदेख सकती हो ख्वाबभर सकती हो उड़ानेंहर अतार्किक असहनीय बात को धत्ता बताकरखोल सकती हो हर गिरहतोड़ सकती हो जकड़नेंजंग...
कविताएं : ज्योति रीता

कविताएं : ज्योति रीता

    युवा कवयित्री। वृत्ति- शिक्षण। दुख हर शक्ल पर एक लकीर है दुख-पसंद आदमी के हिस्से दुख नहीं आतावह दुखों को गले लगाकरउसके कान के नीचे जड़ देता है चुंबनवह फाहा रखता है दुखों के नमक परपी जाता है दुख का खारा पानीवह जब्त करता है दुखों के सारे चीथड़ेलगा देता है उन...