युवा कवयित्री। वृत्ति- शिक्षण। दुख हर शक्ल पर एक लकीर है दुख-पसंद आदमी के हिस्से दुख नहीं आतावह दुखों को गले लगाकरउसके कान के नीचे जड़ देता है चुंबनवह फाहा रखता है दुखों के नमक परपी जाता है दुख का खारा पानीवह जब्त करता है दुखों के सारे चीथड़ेलगा देता है उन...
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