स्त्रियाँ : कविता विकास

स्त्रियाँ : कविता विकास

      युवा कवयित्री। दो कविता संग्रह ‘लक्ष्य’ और ‘कहीं कुछ रिक्त है’ प्रकाशित। स्त्रियाँ बंधा है उनका आकाशबंधी है उनकी ज़मीनवर्जनाओं के शहर मेंनपी-तुली हवाओं सेजीने वाली औरतेंआकाश को ठेलकर अपनीजगह बनातीं हैं औरअपने गगन का सूर्य...