ललित सिंह

ललित सिंह

    युवा कवि-रंगकर्मी। कविताओं में बुंदेलखंड की सहज और ठस्स लोक स्मृतियाँ। थोड़ी-सी नादानी मैं मूस को खदेड़ते-खदेड़तेधरती की कई परिक्रमाओं का साक्षी रहाजो निर्ममता से कुतर रहा थाकला, साहित्य, सपने और साझी तदबीरेंजिनसे दुनिया को बनाया जा सकेसंवेदनात्मक ज्ञान से...