कवि और आलोचक।अद्यतन कविता संग्रह ‘लौटता हूँ मैं तुम्हारे पास’। लीलाधर जगूड़ी ने अपने काव्य संग्रह ‘कविता का अमरफल’ में कहा है, ‘कविता में इतिहास का होते हुए भी अपने समय का होना पड़ता है।जो अपने समय का नहीं, वह इतिहास का भी नहीं हो सकता है।’ यह इतिहास का होते हुए अपने...
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