महेश आलोक

महेश आलोक

    वरिष्ठ कवि और लेखक।अद्यतन कविता संग्रह ‘इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ’। दर्द मैं जब दौड़ रहा था दर्द में मेरा पैरमुझे सभ्य भाषा में गाली दे रहा थामुझे कतई बर्दाश्त नहीं था किमेरा पैर मेरी अवहेलना करेमैं कुछ इसलिए नहीं कर सकता थाक्योंकि दिमाग मेंदौड़...
महेश आलोक

महेश आलोक

    वरिष्ठ कवि एवं समीक्षक। अद्यतन कविता संग्रह ‘इस दुनिया को सुंदर बनाने में लगा हूँ’। कितना समझे कितना बूझें कितना समझे कितना बूझेंहम तो ठहरे निपट पुरनियाबांच रहे सब संकेतों से बांच रहे थे मनसूबों कोसूरज की उंगली पकड़े हमढांप रहे थे दरकी छत कोकिरणों की साड़ी...
महेश आलोक की कविताएं

महेश आलोक की कविताएं

      वरिष्ठ कवि एवं समीक्षक। ‘चलो कुछ खेल जैसा खेलें’, ‘छाया का समुद्र’(कविता संग्रह)। आखिर तुम्हारे दुख का वजन मुझसे अधिक थामैंने बहुत कोशिश कीकि बटखरे में थोड़ा हेर-फेर कर लूंऔर मैंने किया भीपृथ्वी ने मेरी हर चाल को नाकाम कर दियाजाने कैसे हर बार रख...
महेश आलोक की कविताएं

महेश आलोक की कविताएं

    चर्चित कवि और समीक्षक। प्रकाशित कृतियाँ- ‘चलो कुछ खेल जैसा खेलें’ (कविता संग्रह) के अलावा आलोचना की तीन पुस्तकें प्रकाशित। धन्यवाद मैं धन्यवाद करता हूँधन्यवाद करता हूँ उस सड़क काजिसका अंतिम हिस्सादो अनजान शहरों को मिलाता हैउस रोड रोलर काजो सड़क की डामर...