महेश कुमार केशरी की कविताएं कविता युवा कवि। कहानी संकलन :’मुआवजा’। बेटियां बेटियां ससुराल मेंजल्दी ही बुनने लगती हैं रिश्तेकिसी चिड़िया के घोंसले की तरहपराये घर में आकरउसे अपना घर मानने लगती हैंकाकी मामी चाची बऊआ बबुआ कहकरवे देने लगती हैं सबको मान-सम्मान और कुम्हार के...
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