महेश पुनेठा की कविताएं

महेश पुनेठा की कविताएं

      युवा कवि। शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय। शिक्षा की छमाही पत्रिका ‘शैक्षिक दखल’ के संपादक। 1-नहीं बदले कुछ रसोइयों मेंनहीं लानी पड़ती है अबमटखान से मिट्टीलिपाई नहीं अब वहां पोछाई होने लगी हैधुआं नहीं रह गया अब उनकी पहचानलकड़ी की जगह गैस आ गई हैमाचिस...