सुपरिचित कवि।दो कविता संग्रह‘तथापि जीवन’, ‘कदाचित अपूर्ण’। अब उसका पक्ष वह भीख नहीं मांग रहाजिसे तुम भीख कहना चाह रहेउसे वह ॠण कह रहायह उसका भविष्य में उम्मीद हैउम्मीद अपने रक्त से, अस्थियों सेरीढ़ से, समय से उसे न भीख दो, न दानसूद की दर थोड़ी कम कर दोऔर...
चर्चित युवा कवि। दो कविता संग्रह ‘तथापि जीवन’, ‘कदाचित अपूर्ण’। गांव की तरफ भागते हुए कितनी दूर है गांवअपने गांव की दूरी दूसरों से पूछता हूँक्या मुझे भूख लगी है- दूसरों से पूछता हूँक्या मैं मर रहा हूँ-दूसरों से पूछूंगाकितनी दूर है गांवकहां...
चर्चित युवा कवि। दो कविता संग्रह ‘तथापि जीवन’, ‘कदाचित अपूर्ण’। गांव की तरफ भागते हुए कितनी दूर है गांवअपने गांव की दूरी दूसरों से पूछता हूँक्या मुझे भूख लगी है- दूसरों से पूछता हूँक्या मैं मर रहा हूँ-दूसरों से पूछूंगाकितनी दूर है गांवकहां...
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