वरिष्ठ कवि।अद्यतन कविता संग्रह ‘इस घर में रहना एक कला है’। सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त। यह मेरा पौधा हैमैं ही डालूंगा इसमें पानी खादकिसी को नहीं दूंगा इसे कैसे करूं दूसरों पर भरोसावे नहीं जानते मिट्टी की तासीरइल्लियों से लड़ने का कहां सबके पास हुनरमेरा...
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