प्रबुद्ध लेखक, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी। संस्मरण एक खास जीवन तथा काल को समझने का एक प्रभावशाली माध्यम है। यह कई बार एक युग के संघर्ष का दस्तावेजीकरण होता है। नागरिक समाज को संस्मरण पढ़कर समकालीन चुनौतियों से संघर्ष करने की ताकत मिलती है। संस्मरण व्यक्तित्व विहीन नहीं...
प्रबुद्ध लेखक, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी। सुवीरा जायसवाल इतिहासकार हैं। इन्होंने लगभग तीस वर्षों तक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास का अध्यापन किया है। इससे पहले उन्होंने लगभग नौ वर्षों तक पटना विश्वविद्यालय में पढ़ाया था। इन्होंने सामान्यतः जातिवाद,...
प्रबुद्ध लेखक, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी। अवधेश प्रधान हिंदी के ऐसे लेखक हैं जो अपने पाठकों को ‘परंपरा की पहचान’ निरंतर कराते रहे हैं। समय-समय पर लिखे उनके लेखों का संग्रह है ‘परंपरा की पहचान’। इसमें वे परंपराओं की आलोचनात्मक यात्रा पर निकलते हैं। इस पुस्तक में...
प्रबुद्ध लेखक, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी। दुनिया के लोग आने वाले युग की कल्पना करते रहे हैं। कुछ तो सौ-सौ साल बाद की भी। अभी जी-20 की समाप्ति पर यह आशा व्यक्त की गई है कि 2047 तक देश विकसित हो जाएगा और अर्थव्यवस्था के मामले में तीसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। क्या तब...
प्रबुद्ध लेखक, रंगकर्मी और संस्कृतिकर्मी। क्या आप किसी ऐसी औरत को जानते हैं जो घर में चल रहे पूजा-पाठ और कर्मकांड के व्यापार से घुटन महसूस करती हो? क्या आप ऐसी किसी औरत से मिले हैं जो इस किस्म की वजहों से अपने दांपत्य जीवन को असफल मानती हो? ऐसी ही एक औरत है...
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