फरिश्ते : मुकुल जोशी

फरिश्ते : मुकुल जोशी

कहानी संग्रह ‘मैं यहाँ कुशल से हूँ’ प्रकाशित। सेना से कर्नल रैंक से रिटायर।   ‘थैंक्यू वैरी मच! आइ एम ऑनर्ड!’- इतना ही कह पाया था मैं। बहुत-कुछ कह सकता था, कर सकता था मैं उसके लिए। फिर फुर्सत में एकांत मिलते ही मैं अपराधबोध में खुद को दुत्कारता। मन ही मन कह उठता-...