मुसाफिर बैठा

मुसाफिर बैठा

    चर्चित कवि।दो काव्य संग्रह ‘बीमार मानस का गेह’ और ‘विभीषण का दुःख’।प्रकाशन विभाग, बिहार विधान परिषद, पटना में कार्यरत। खारिज़ करने के तर्क मुझे उसे समंदर बनाए जाने परगहरा एतराज लगामैंने उसको सही औक़ात दिखाने के लिएउसे रेगिस्तान कहना चाहायाद आया रेगिस्तान...
मुसाफिर बैठा की कविताएं

मुसाफिर बैठा की कविताएं

       दलित युवा कवि। दो काव्य संग्रह ‘बीमार मानस का गेह’ और ‘विभीषण का दुःख’। 1-यक्षिणी यक्षिणी को यदि जुबान होतीऔर उसे गढ़नेवाले मर्दों सेहिसाब लेने का अधिकारतो सोचोआज के रीति-मानस कवियो!तेरा क्या हाल होता? 2-वर्णभेद चुप्पी सवर्ण है गुस्सा दलित!चुप्पी...