बाजार के दबाव के बीच आम जीवन का राग-विराग : संजय कुंदन

बाजार के दबाव के बीच आम जीवन का राग-विराग : संजय कुंदन

चर्चित कहानीकार।अद्यतन कहानी संग्रह ‘श्यामलाल का अकेलापन’, उपन्यास ‘तीन ताल’।संप्रति ‘नवभारत टाइम्स’, नई दिल्ली में सहायक संपादक।   पिछले दो-तीन दशकों से हिंदी कहानी की मुख्यधारा में ऐसी कहानियों को ज्यादा महत्व मिलता रहा है, जो समाज के बड़े संकटों की शिनाख्त करती...
अजान : नर्मदेश्वर

अजान : नर्मदेश्वर

नर्मदेश्वर 1975 के बाद उभरे, गांव से जुड़े महत्वपूर्ण कथाकार| कहानी संग्रह : ‘जलदेवता’, ‘बांस का किला’, ‘नील का दाग’ और  ‘चौपाल’| कविता संग्रह ‘आग की नदी’| जब बुढ़ापा सर पर सवार हुआ, संगीत विद्यालय में शागिर्दों की संख्या घट कर चौथाई से भी कम हो गई| सारे उस्ताद एक-एक कर...